आर्य समाज शादी क्या है और आर्य समाज द्वारा जारी Cerificate की कानूनन वैधता
आर्य समाज क्या है?
आर्य समाज मंदिर में शादी कैसे होती है?
आर्य समाज द्वारा जारी Certificate की वैधता
आर्य समाज के सर्टिफिकेट पर सुप्रीम कोर्ट का जवाब
आर्य समाज क्या है?
- आर्य समाज की शुरुआत साल 1875 में स्वामी दयानंद सरस्वती के द्वारा की गई था। आर्य समाज हिंदू धर्म की कुरीतियों का विरोध करती थी।
- आर्य समाज ने हिन्दू धर्म में शादी से जुड़ी कई कुरीतियों के खिलाफ खड़ा हुआ। परन्तु आर्य समाज में विवाह हिंदू रीति-रिवाजों का पालन करते हुए संपन्न कराए जाने लगे।
- आर्य समाज में शादी की प्रकिया काफी आसान होने के कारण यह आम जनता के बीच काफी प्रचलित होने लगा। जब भारत में जातिवाद की समस्या बढ़ी हुई थी उसी समय आर्य समाज की स्थापना हुई।
- Arya Samaj Validation Act साल 1937 में पारित किया गया था और ये Hindu Marriage Act से भी पुराना है, जो 1955 बनाई गई थी। ये भारत की आजादी से पहले ही लागू कर दिया गया था।
- भारत में दूसरी जाति में शादी करने की इजाजत नहीं होने की वजह से कई लोगों ने आर्य समाज को अपनाया क्योंकि यहां उनके साथ जाति के नाम पर भेदभाव नहीं किया जाता था। दूसरी जाति में आसानी से शादी करने को लेकर इसका चलन बढ़ गया।
आर्य समाज मंदिर में शादी कैसे होती है?
- आर्य समाज में होने वाली शादी भी हिंदू शादियों की तरह ही होती है। इसमें भी अग्नि के फेरे लिए जाते हैं, जैसा हिंदू मान्यताओं में होता है। आर्य समाज मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं रखता है परंतु आर्य समाज को हिंदू धर्म का ही एक अंग माना जाता है। इसमें हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख समुदाय जैसी परंपराए होती हैं।
- आर्य समाज में शादी के लिए भी एक प्रोसेस फॉलो करना पड़ता है। आर्य समाज में शादी करने के लिए भी पहले एक रजिस्ट्रेशन करवाना होता है और ये आर्य समाज मंदिर में होता है। रजिस्ट्रेशन में लड़का और लड़की के लीगल डॉक्यूमेंट्स आदि की जांच होती है।
- इसके बाद वरमाला और अग्नि के फेरे की रस्म होती है, जिसके बाद शादी होती है।
- आर्य समाज मंदिर में हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध धर्मों के कपल की शादी कराई जाती है। इसके आलावा अगर कोई कपल इस धर्मो को छोड़ कर किसी अन्य धर्मों से हैं। जैसे - मुस्लिम, क्रिश्चियन,पारसी आदि से है।
- तो ऐसे में इन कपल का आर्य समाज मंदिर में पहले शुद्धीकरण कराया जाता है और फिर शुद्धीकरण हो जाने के बाद इनका धर्म परिवर्तन कर इन्हें हिन्दू बनाया जाता हैं।
- धर्म परिवर्तन हों जाने के बाद इनकी शादी पूरे विधि विधान के साथ आर्य समाज मंदिर में संपन्न कराई जाती है।
- वही अगर ये कपल हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध से तालुख रखते है, तो इनकी शादी बिना धर्म परिवर्तन के पूरे विधि विधान के साथ होती है। यहां होने वाली शादियों को Arya Samaj Marriage Validation Act 1937 और Hindu Marriage Act 1955 के तहत मान्यता मिली है।
आर्य समाज मंदिर में विवाह के लिए आवेदन करने से पहले वर और वधू दोनों के लिए कुछ आवश्यक शर्ते व मानदंड हैं जिसको जरुर पूरा किया जाना चाहिए:
- विवाह के समय उनके पास जीवित पति / पत्नी नहीं होनी चाहिए ।
- अस्थिर चित होने के कारण उन्हें सहमति देने में असमर्थ नहीं होना चाहिए ।
- उन्हें पागलपन या मिर्गी से पीड़ित नहीं होना चाहिए।
- दुल्हन की उम्र कम से कम 18 साल और दूल्हे की उम्र कम से कम 21 होनी चाहिए ।
- दोनों पक्षों को एक दूसरे के साथ निषिद्ध संबंध में नहीं होना चाहिए।
आर्य समाज द्वारा जारी Certificate की वैधता:
- आर्य समाज संस्था की ओर से मैरिज certificate जारी किए जाने का मतलब ये नहीं है कि आपकी शादी को कानूनी मान्यता मिल गई।
- certificate मिलने के बाद शादी को कानूनों के तहत एसडीएम ऑफिस में रजिस्टर्ड करवाना जरूरी है।
- अगर दूल्हा-दुल्हन दोनों हिंदू हैं तो Hindu Marriage Act के तहत certificate के लिए अप्लाई करना होगा। लेकिन अगर दोनों अलग-अलग धर्म के हैं तो Special Marriage Act लागू होगा।
- हालांकि, अभी भी इससे जुड़े कई सारे सवाल सुप्रीम कोर्ट में हैं। लेकिन किसी भी मामले में आर्य समाज के certificate को एक वैध कानूनी दस्तावेज नहीं माना जा सकता।
- शादी आर्य समाज मंदिर के कानूनों के हिसाब से ही होगीं और उन्हें आर्य समाज से एक विवाह प्रमाण पत्र भी मिलेगा परन्तु, आर्य समाज मंदिर में विवाह संपन्न होने के बाद, कोर्ट में रजिस्ट्रेशन करने के लिए उनकी शादी को Hindu Marriage Act के तहत ही रजिस्ट्रेशन करना होता है।
आर्य समाज के सर्टिफिकेट पर सुप्रीम कोर्ट का जवाब:
इसी साल 2022 अप्रैल में, मध्य प्रदेश के एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आर्य समाज मंदिर में होने वाली शादियों को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर करवाने की जरूरत नहीं है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आर्य समाज के मंदिरों में होने वाली शादियों को रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है।
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