भारतीय व्यक्ति किसी विदेशी से किस एक्ट के अंतर्गत शादी कर सकता है ?
कहते है ना, जोड़ियां आसमान में बनती है। प्यार कभी भी और किसी से भी हो सकता है, और जब दो व्यक्ति प्यार करते है तो वो शादी भी करना चाहते है। हमारे भारत में सभी धर्मो को लेकर शादी के अलग-अलग एक्ट बने हुए है। भारत का ही लड़का हो और लड़की भी भी भारत की ही तो कोई दिखात ही नहीं होती है। यदि लड़का और लड़की अलग अलग धर्म को मानने वाले होते है तो शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के अंतर्गत रजिस्टर होती है। यह तक तो कोई दिक्कत किसी भी कपल को नहीं आती है। लेकिन जब प्यार सरहद पार बैठे किसी व्यक्ति से हो जाये तब? ऐसे में वो कपल किस एक्ट के अंतर्गत शादी कर सकते है और कैसे कर सकते है? ये सभी जानकारी हम आपको इस आर्टिकल में देने वाले है। आर्टिकल को आप आगे भी शेयर करे जिससे सभी को क़ानूनी जानकारी मिले।
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो पूरी जिंदगी अकेले गुजारने में सक्षम नहीं होता है। जिस तरह हमें जीने के लिए समाज की जरूरत होती है, उसी तरह पूरी जिंदगी गुजारने के लिए एक जीवनसाथी की जरूरत पड़ती है ताकि हम उसका साथ पाकर अपने जीवन में आने वाली हर बाधाओं और समस्याओं से पार पा सकें। भारत जैसे देश में शादी को एक पवित्र माना गया है। जब लड़के और लड़की की जाति या धर्म अलग हो तो मुश्किलें थोड़ी बढ़ जाती हैं और उन्हें कई तरह की सामाजिक अड़चनों का सामना करना पड़ता है।
देश में शादी के लिए हर धर्म में अलग अलग कानून बनाए गए हैं। जैसे, हिंदू विवाह अधिनियम 1954, विशेष विवाह अधिनियम 1954, फॉरेन मैरिज एक्ट और इंडियन क्रिश्चियन मैरिज एक्ट के अलावा भी कई कानून हैं। लड़का और लड़की इन कानूनों के तहत अपनी मर्जी से शादी कर सकते हैं।
हिन्दू मैरिज एक्ट की धारा 5 के अनुसार कुछ शर्तो का पालन करना होता है, जैसे:
• प्रोहिबिटेड रिलेशन (नजदीकी रिश्तेदार) नहीं होना चाहिए: हिंदू मैरिज एक्ट 1954 के तहत शादी हिंदू रीति-रिवाज से होनी चाहिए। इसके तहत हिंदू लड़का और लड़की जो प्रोहिबिटेड रिलेशन (नजदीकी रिश्तेदार) और स्पिंडा रिलेशन (पिता की 5 पीढ़ी और मां की 3 पीढ़ी में होना) में न हों, शादी कर सकते हैं।
• लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल होनी चाहिए।
• लड़का और लड़की पहले से शादीशुदा नहीं होने चाहिए।
• लड़का और लड़की दिमागी रूप से सही होने चाहिए।
स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत शादी कौन कर सकता है?
• स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत दो अलग-अलग धर्म के लोग बिना धर्म बदले शादी कर सकते हैं। जब लड़का और लड़की बालिग हों और शादी करने की पात्रता रखते हों तो वे अपनी मर्जी से एक-दूसरे के साथ इस एक्ट के तहत शादी कर सकते हैं।
• इस एक्ट के अनुसार लड़के और लड़की की उम्र 21 से ऊपर होनी चाहिए।
• बाकि शर्तें हिन्दू मैरिज एक्ट के अनुसार ही फॉलो करी जाती है।
चाइल्ड मैरिज एक्ट के तहत जुर्माना:
• चाइल्ड मैरिज एक्ट के तहत, यदि लड़की 18 साल से कम उम्र की है और लड़का 21 साल से कम उम्र का है तो शादी नहीं हो सकती। अगर यह शादी होती है तो वह अमान्य होगी।
• चाइल्ड मैरिज एक्ट के तहत यह प्रावधान है कि अगर कोई ऐसी शादी करता है या फिर करवाता है या इससे लिए उकसाता है और दोषी पाया जाता है तो उसे दो साल तक कैद की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है।
केस: आरुषि मेहरा और अन्य बनाम दिल्ली सरकार और अन्य 2023
• इस मामले से समझते है की कैसे एक भारतीय किसी विदेशी से शादी कर सकता है। लड़की धर्म से हिंदू है और एक केनेडा की नागरिक थी। हालाँकि, उसके पास ओवरसीज़ सिटीजन ऑफ़ इंडिया (OCI) कार्ड भी था। लड़का धर्म से ईसाई और एक अमेरिकी नागरिक था।
• ये दोनों दिल्ली में रहते हैं और दिल्ली में नौकरी करते हैं। लड़का और लड़की दोनों अपनी शादी विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत पंजीकृत करना चाहते थे। दिल्ली में विवाह करने के लिए, www.edistrict.delhigovt.nic.in एक ऑनलाइन फॉर्म जमा करना होता है। लेकिन स्पेशल मैरिज एक्ट में शादी के लिए लड़का और लड़की दोनों में से कोई एक व्यक्ति भारतीय मूल का होना चाहिए। इस केस में दोनों में से कोई भी भारतीय नहीं था।
• एसडीएम ने स्पेशल मैरिज एक्ट के अंतर्गत आवेदन लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद दोनों के द्वारा 12 अक्टूबर, 2022 को एक अभ्यावेदन भी दिया गया, जिसका जवाब नहीं दिया गया।
• स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 की धारा 4 के अनुसार कोई भी दो व्यक्ति तब तक अपनी शादी के अनुष्ठान की मांग कर सकते हैं जब तक उसमें शर्तें पूरी होती हैं। इसी एक्ट की धारा 4 की उप-धारा (ए), (बी), (सी) और (डी) में नागरिकों से सम्बंधित कुछ भी नहीं लिखा है। यह स्पष्ट है स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत दोनों में से एक व्यक्ति के भारत के नागरिक की आवश्यकता नहीं है।
• इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों की शादी के लिए दिल्ली सरकार को निर्देश जारी करे। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी स्पस्ट किया की स्पेशल मैरिज एक्ट के अंतर्गत ये जरुरी नहीं है की दोनों पार्टनर में से एक भारतीय हो।
इससे अब ये स्पष्ट हो गया है की स्पेशल मैरिज एक्ट के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति अपनी मैरिज को रजिस्टर करवा सकता है, बशर्ते इस एक्ट की सभी नियम को मानते हुए।
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