'क्या शादी का अधिकार एक मौलिक अधिकार है?': ऑनलाइन शादी के बारे में मद्रास हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
कोरोना काल में आपने कई ऐसे उदाहरण देखें और सुने होंगे, जिसमे ऑनलाइन शादी की बात हुई हो। कोरोना काल में कई बार ऐसा देखने को आया की ट्रैन और फ्लाइट बंद होने के कारण कपल शादी के लिए एक जगह पर नहीं हो पाए। जिसके कारण उन्हें ऑनलाइन ही अपनी शादी करनी पड़ी। अब प्रश्न ये उठता है की क्या भारत में ऑनलाइन शादी करना क़ानूनी रूप से लीगल है? इसके साथ ही संविधान में भी ये प्रश्न उठता है की क्या शादी करना मौलिक अधिकार है?
इस आर्टिकल में आपको इन सभी सवालों के जवाब मिलने वाले है। यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आये तो इसे आगे शेयर जरूर करें।
दुल्हन भारत में और दूल्हा अमेरिका में था। दोनों शादी करना चाहते थे। जिसके लिए अपॉइंटमेंट भी ले लिया था। लेकिन वीजा की परेशानी के चलते दोनों की शादी नहीं हो पाई। जिसके बाद ऑनलाइन शादी के आवेदन किया और हुई ऑनलाइन शादी। आपको लग रहा होगा कि ये कोई कहानी है। लेकिन नहीं, ऐसी शादी हुई भी है और इसकी इजाजत खुद मद्रास हाईकोर्ट ने दी थी। आइये जानते है क्या था ये मामला।
केस: वासमी सुदर्शिनी वीएस सब रजिस्ट्रार 2022
- तमिलनाडु के कन्याकुमारी का ये मामला है और इस मामले में फैसला मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने दिया है। वासमी सुदर्शिनी कन्याकुमारी की रहने वाली है और इसे भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक राहुल से प्यार हो जाता है। वे दोनों शादी करना चाहते थे। शादी के लिए राहुल वीजा पर भारत आया।
- दोनों के अलग-अलग देश के होने के कारण, शादी स्पेशल मैरिज एक्ट 1955 के तहत करने का आवेदन देना था। फिर दोनों ने 5 मई 2022 को कन्याकुमारी जिले के मनावलकुरिचि स्थित सब-रजिस्ट्रार के यहां स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत एक जॉइंट एप्लीकेशन दी।
- जॉइंट एप्लीकेशन देने के बाद 12 मई को एक नोटिस पब्लिश हुआ। राहुल के पिता और एक और व्यक्ति ने इस शादी को लेकर आपत्ति जताई थी। स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत नोटिस पब्लिश होने के 30 दिन के अंदर कोई भी व्यक्ति आपत्ति कर सकता है।
- आपत्ति आने के बाद मैरिज ऑफिसर ने मामले की जांच की और इस नतीजे पर पहुंचा कि उनकी आपत्तियां ठीक नहीं थीं। इस तरह से 30 दिन का अनिवार्य पीरियड 12 जून को पूरा हो गया। राहुल और वासमी सुदर्शिनी 13 जून को मैरिज ऑफिसर के सामने हाजिर हुए।
- 13 जून को कुछ कारणों से मैरिज ऑफिसर उस दिन शादी नहीं करवा पाया। जिसके बाद राहुल को वीजा जरूरतों की वजह से तुरंत ही अमेरिका लौटना पड़ा।
- इस तरह से दोनों की शादी तय समय पर नहीं हो पाई। जिसके बाद सुदर्शिनी ने ऑनलाइन शादी की एप्लीकेशन लगाई, लेकिन सब रजिस्ट्रार ने एप्लीकेशन स्वीकार नहीं करी। जिसके बाद सुदर्शिनी ने हाई कोर्ट में एप्लीकेशन लगाई।
हाईकोर्ट में ऑनलाइन शादी करने के लिए एप्लीकेशन:
- राहुल से ऑनलाइन शादी करने के लिए सुदर्शिनी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
- सुदर्शिनी ने कोर्ट से अपनी अपील में कहा कि वह सब रजिस्ट्रार को स्पेशल मैरिज ऐक्ट की धारा 12 के तहत उनकी शादी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (ऑनलाइन शादी) के जरिए करवाने का आदेश दे।
मद्रास हाईकोर्ट का फैसला:
- मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच के माननीय श्री न्यायमूर्ति जी.आर.स्वामीनाथन ने भारत में मौजूद सुदर्शिनी और अमेरिका में मौजूद राहुल को ऑनलाइन शादी करने की इजाजत दे दी।
- हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति ने कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट की धारा 12, दोनों पक्षों को शादी के किसी भी स्वीकृत रूप को अपनाने का विकल्प देता है। इस धारा में शादी का मीडियम नहीं लिखा हुआ है। इस मामले में दोनों पक्षों ने ऑनलाइन मीडियम चुना था।
- कोर्ट ने कहा कि दूल्हा ऑनलाइन उपस्थित रहेगा और स्पेशल मैरिज एक्ट में ऐसा करने पर रोक नहीं है।
- इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि शादी करने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है, जो की अनुच्छेद 21 के तहत 'जीने के अधिकार' में आता है।
- स्पेशल मैरिज एक्ट की धारा 12(2) में कहा गया है कि शादी दोनों पक्षों द्वारा चुने गए किसी भी माध्यम से हो सकती है। सुदर्शिनी और राहुल के मामले में ये माध्यम ऑनलाइन था। जिसके लिए सब रजिस्ट्रार उन्हें मना नहीं कर सकता है।
- कोर्ट ने कहा कि कानून को टेक्नोलॉजी के साथ कदमताल मिलाकर चलना है, इसलिए कपल द्वारा चुना गया ऑनलाइन मोड से शादी का विकल्प कानूनी रूप से मान्य है।
- कोर्ट ने सब रजिस्ट्रार और अथॉरिटीज को याचिकाकर्ता सुदर्शिनी की शादी राहुल के साथ ऑनलाइन मोड के जरिए तीन गवाहों की मौजूदगी में कराने का आदेश दिया।
- शादी के बाद सुदर्शिनी मैरिज सर्टिफिकेट बुक में अपनी और दूल्हे राहुल दोनों की जगह हस्ताक्षर कर सकती हैं। इसके बाद अथॉरिटीज को स्पेशल मैरिज एक्ट की धारा 13 के तहत मैरिज सर्टिफिकेट जारी करने आदेश दिया।
स्पेशल मैरिज एक्ट 1955 की धारा 12:
स्पेशल मैरिज एक्ट, धारा 12 में शादियों की जगह और माध्यम, यानी वे किस तरह से शादी कर सकते है, इसके बारे में बताया गया है। धारा 12 के अनुसार:
- शादी मैरिज ऑफिसर के ऑफिस में, या वहां से उचित दूरी के अंदर ऐसे अन्य स्थान पर, जहाँ दोनों पक्षकार चाहें, वह कर सकते है।
- शादी किसी भी रूप में की जा सकती है जैसा दोनों पक्षकार चाहें। शादी के समय मैरिज ऑफिसर और तीन गवाहों की मौजूदगी जरुरी है।
- मद्रास हाई कोर्ट ने सुदर्शिनी और राहुल की ऑनलाइन शादी को मान्यता स्पेशल मैरिज एक्ट की धारा 12(2) के इसी कानून के तहत दी है, जिसमें साफ कहा गया है कि लड़का और लड़की शादी के लिए जिस भी रूप को चाहें अपना सकते हैं।
स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी के लिए एप्लीकेशन की प्रक्रिया:
- दोनों पक्ष जिस क्षेत्र में पिछले 30 दिनों से निवास कर रहे हों, उस जिले के मैरिज रजिस्ट्रार ऑफिसर को शादी के लिए एप्लीकेशन देना होता है।
- इस एक्ट की धारा 6 और 7 के अनुसार, शादी के एप्लीकेशन के बाद उसका नोटिस पब्लिश होता है। इन 30 दिनों में यदि कोई आपत्ति नहीं आती है तो नोटिस के 30 दिन बाद शादी हो सकती है।
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2021 में एक फैसला दिया था, जिसमे ये कहाँ कि अगर कपल न चाहें तो शादी का पब्लिक नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इससे उनके मौलिक अधिकारों और निजता का उल्लंघन होता है।
- 30 दिन बाद शादी मैरिज रजिस्ट्रार के ऑफिस में मैरिज ऑफिसर और तीन गवाहों की मौजूदगी में हो सकती है।
भारत के बाहर भी कोर्ट ने मंजूरी दी ऑनलाइन शादी को:
- सिंगापुर में कोरोना की वजह से शादी नहीं हो पा रही थी, जिसके बाद टेंपरेरी मेजर्स फॉर सोलेमनाइजेशन एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ मैरिजेस एक्ट, 2020 बनाया गया। इस एक्ट में सिंगापुर में शादी के एलिजिबल कपल को रिमोट कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी यानी ऑनलाइन शादी करने और उसका रजिस्ट्रेशन कराने की इजाजत दी गई है।
- इसी तरह से पाकिस्तान में भी हनफी मुस्लिमों को स्काइप पर यानी ऑनलाइन शादी की इजाजत मिली थी। इस्लाम में आमतौर पर निकाह यानी शादी ऑनलाइन करने पर रोक है। लेकिन कुछ मुस्लिम कुछ शर्तों के साथ ऑनलाइन शादी की इजाजत देते हैं।
क्या आम लोगों की भी वीडियो कॉल वाली शादी वैध होगी?
- देश में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत, वीडियो कॉल या ऑनलाइन शादी आम लोगों के लिए भी वैध है। यही बात सुदर्शिनी केस में मद्रास हाईकोर्ट ने भी कही है। लेकिन किसी के लिए भी ऑनलाइन शादी करने के लिए स्पेशल मैरिज एक्ट में बताई पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन करना जरूरी होगा।
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