सुचना का अधिकार 2005 के अंतर्गत RTI कैसे फाइल करें
विषय-सूचि:
- प्रस्तावना
- RTI का उद्देश्य
- RTI कौन फाइल कर सकता है?
- RTI के लाभ
- RTI के तहत कैसी जानकारी मांगी जा सकती है
- RTI Act के अंतर्गत कौनसी संस्थाएं नहीं आती है?
- RTI आवेदन के निरस्त होने के कारण
- RTI को ऑनलाइन फाइल करने का तरीका
- ऑफलाइन RTI फाइल करने का तरीका
- RTI के आवश्यक नियम
- RTI का उपयोग कब करें?
- RTI अधिनियम में महत्वपूर्ण धाराएँ
प्रस्तावना
RTI का फुल फॉर्म “Right to Information” होता है, इसको हिंदी भाषा में “सूचना का अधिकार” कहा जाता है। RTI संसद द्वारा पारित किया गया एक Act है, जिसकी शुरुआत 2005 में स्वतंत्रता सूचना Act 2002 को बदलने के लिए की गई थी। यह कानून संसद द्वारा 15 June 2005 को पारित किया गया था और 12 October 2005 को प्रभावी रूप से लागू कर दिया गया था।
ज्यादातर सरकारी विभागों में देखा जाता है कि हमें हजारों चक्कर काटने पड़ जाते हैं, लेकिन काम नहीं होता है। कई बार अधिकारी बात ही नहीं सुनते या किसी तकनीकी दिक्कत का हवाला देकर आम जनता को आगे का समय दे देते हैं। ऐसे में कई दिन तक हमारा काम सरकारी विभागों में अटका रह जाता है। ऐसा नहीं है कि हम कुछ कर नहीं सकते, लेकिन हम परेशान इसलिए होते हैं, क्योंकि हमें पता ही नहीं है कि सूचना के लिए हमारा अधिकार क्या है?
यह अधिकार अमीर-गरीब से परे, भारत के हर देशवासी के पास साल 2005 से ही है। इसके तहत हम सरकार के किसी भी विभाग से सूचना मांग सकते हैं। आमतैर पर लोग आधी जानकारी के साथ सादे कागज पर अपने सवाल लिख कर RTI तो फाइल कर देते हैं, लेकिन उसका जवाब नहीं मिलता। क्योंकि उन्हें RTI फाइल करने का सही तरीका और संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों की हमें पूरी जानकारी ही नहीं होती है। इस Blog में, RTI कानून क्या है, कैसे इसका आवेदन सकते है और भी कई महत्वपूर्ण जानकारी दी हुई है।
RTI का उद्देश्य:
- RTI का उद्देश्य है भ्रष्टाचार पर रोक लगाना है, इस अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति किसी भी विभाग से सूचनाएं मांग सकता है।
RTI कौन फाइल कर सकता है?
- कोई भी व्यक्ति जो भारतीय नागरिक है, वो RTI के लिए आवेदन कर सकता है।
RTI के लाभ:
- RTI के माध्यम से कोई भी भारतीय नागरिक किसी भी गवर्नमेंट विभाग से जानकारी प्राप्त करने के लिए एप्लीकेशन दे सकता है।
- RTI ऐसा हथियार है जिससे हम सरकार से किसी भी दस्तावेज की जांच करवा सकते हैं।
- RTI के द्वारा हम सरकार से किसी भी दस्तावेज की प्रमाणित कॉपी मांग सकते हैं।
- कोई भी नागरिक, किसी भी सरकारी विभाग से जानकारी प्राप्त कर सकता है।
- RTI के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति, किस Project के लिए कितना Budget पास हुआ, जैसे बिजली, पानी और सड़क के लिए आने वाले बजट के उपयोग से सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और संस्थान से पूरा ब्यौरा ले सकते हैं, की किस काम के लिए कितना बजट पास हुआ और उसमे से कितना उपयोग हुआ है और उसमे से कितना उपयोग में लाया गया है, बीच में किसी तरह का भ्रष्टाचार तो नहीं किया गया, ये सब जानकारी कभी भी ले सकते है।
- इस कानून का उपयोग कर के कोई भी व्यक्ति भ्रष्टाचार की शिकायत कर सकता है।
- इस कानून का उपयोग कर के सरकारी संस्थान से किसी भी तरह के तथ्य की सभी जानकारियां मांग सकते हैं। लेकिन इस कानून का उपयोग हम किसी भी सरकारी संस्थान की राय जानने के लिए नहीं कर सकते हैं।
- इस कानून के अंतर्गत सभी सरकारी संस्थान, केंद्रीय सरकार, राज्य सरकार, स्कूल, कॉलेज, बैंक, पोस्ट ऑफिस, रेलवे, हॉस्पिटल, पुलिस, electricity board, BSNL इत्यादि सभी आते हैं।
- सबसे बड़ी बात ये है की सूचना का अधिकार आम व्यक्ति के सभी अधिकारों की रक्षा करता है और सभी नागरिकों के लिए सरकार के प्रति पारदर्शिता कायम करता है।
- सूचना का अधिकार जब से लागू हुआ है उस वक़्त से लोगों को इससे काफी लाभ हुआ और इससे आम जनता के हितों की रक्षा हुई है। RTI के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति भ्रष्टाचार की शिकायत कभी भी दर्ज करा सकता है।
- RTI एक ऐसा कानून है जो आम व्यक्ति के सभी अधिकार की रक्षा करता है और सभी नागरिकों के लिए सरकार के प्रति पारदर्शिता कायम करता है।
RTI के तहत कैसी जानकारी मांगी जा सकती है:
- इस अधिकार का उपयोग हम किसी भी सरकारी विभाग की राय जानने के लिए नही कर सकते, इसका उपयोग हम तथ्यों की जानकारी पाने के लिए कर सकते है। जैसे, सरकारी डिस्पेंसरी में कितनी दवाइयां आती है, पार्क और साफ़-सफाई में कितना खर्च हुआ, किसी सरकारी दफ्तर में कितनी नियुक्तियां हुई? इसके अलावा “सड़क बनाने के लिए कितने पैसे आये और कहा पर खर्च हुए? भारतीय नागरिकों की मूलभूत जरूरतें जैसे बिजली (Electricity), पानी (Water) और सड़क (Road) आदि के लिए आने वाले बजट के उपयोग से सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही साथ संसथान से पूरा ब्यौरा ले सकते हैं की किस काम के लिए कितना बजट पास हुआ और उसमे से कितना उपयोग हुआ है।
- सभी गवर्मेंट डिपार्टमेंट, प्रधानमंत्री, मुख्यमत्री, बिजली कंपनियां, बैंक, स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, राष्ट्रपति, पुलिस, बिजली कंपनियां, RTI कानून के अन्दर आते है।
- लोगो ने RTI के इस्तेमाल से कई ऐसी जानकारी हासिल की है जिससे उनकी रोजमर्रा की समस्याए सुलझ गई है।
RTI Act के अंतर्गत कौनसी संस्थाएं नहीं आती है?
- कुछ ऐसी भी संस्थाएं है जो सुचना का अधिकार अधिनियम के तहत नहीं आते है। इन संस्थाओं को RTI अधिनियम की धारा 24(1) के तहत इस से बाहर रखा जाता है। सरकार की सुरक्षा से सम्बंधित जानकारी या गोपनीय जानकारी इस अधिकार के अंतर्गत नही आती। इन संस्थाओं में केंद्रीय सुरक्षा विभाग (Central Intelligence Bureau) भी आता है जिन्हे इसके Act से बाहर रखा गया है।
- RTI आवेदन के निरस्त होने के कारण:
- RTI आवेदन निम्न स्थितियों में निरस्त किया जा सकता है:
- RTI आवेदन को अधूरा छोड़ देते हैं।
- RTI आवेदन की फीस नहीं जमा करने पर।
- अगर आप उस विभाग की जानकारी निकालना चाहते हैं जिसे RTI Act से बाहर रखा गया है तब भी आपका RTI आवेदन रद्द हो सकता है।
RTI को ऑनलाइन फाइल करने का तरीका:
- ऑनलाइन RTI फाइल करने के लिए इसके Official वेबसाइट में जाना होगा rtionline.gov.in
- ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए आपको सबसे पहले Submit Request के बटन पर क्लिक करना होगा। जिसके बाद एक पेज खुलेगा जिसमे RTI सारी गाइडलाइन्स मिलेंगी।
- अब आप दी गई गाइडलाइन्स पढ़ने के बाद, इसको आपको confirm करना होता है की आपने पूरी guidelines पढ़ ली है फिर Submit पर क्लिक करें।
- इसे Submit करने के बाद, एक फॉर्म खुलगा। इस फॉर्म को आप 2 भाषाओँ हिंदी या इंग्लिश में अपनी सुविधा के अनुसार खोल सकते हैं।
- अब आपको यहाँ जिस department से जुडी जानकारी चाहिए, उसके अनुसार इस फॉर्म को पूरा भरना होता है।
- जिसमें आप माँगी गई पूरी जानकारी, जैसे -Department Name, Name, Gender, Address, pin code, State, Mobile Number, Email और RTI Request Etc भर दें।
- RTI फॉर्म में सभी detail सही सही होने चाहिए साथ ही फॉर्म को अधूरा नहीं छोड़ सकते है क्यूंकि अधूरा फॉर्म submit नहीं होता है।
- फॉर्म सही सही भर लेने के बाद जरुरी डॉक्यूमेंट भी अपलोड करना होता है।
- फिर आप नीचे दिए Security Code को डाल दें और finally Submit Button पर क्लिक कर दें।
- इसके बाद आपको Receipt प्राप्त हो जाएगी, जिसे आप Store कर लें और इसका एक प्रिंट आउट निकालकर कर रख लें।
ऑफलाइन RTI फाइल करने का तरीका:
- ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आपको एक एप्लीकेशन लिखना होता है | RTI कानून की धारा 6 के अनुसार कोई भी व्यक्ति इसके लिए आवेदन कर सकता। RTI आवेदन डालने के लिए आपको सबसे पहले उस विभाग के लोक सूचना अधिकारी के नाम से एक साधारण सी Application लिखनी होती है | इसके बाद इस Application के माध्यम से आप अपने सवाल पूछ सकते है ।
- आप अपना आवेदन इंग्लिश या हिंदी किसी भी भाषा में लिख कर दे सकते । आवेदन पूरा लिख लें तो उसमे आवेदन की तारीख और fees के 10 Rs. का postal order साथ में जरूर attach करें जो की इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जरुरी है।
- जो लोग गरीबी रेखा के निचे आते हैं उन्हें 10 Rs. का fees देने की जरुरत नहीं है लेकिन उन्हें BPL सर्टिफिकेट की एक कॉपी साथ में attach करना पड़ेगा।
- इसके साथ ही आप एप्लीकेशन जमा करने से पहले उसकी एक फोटो कॉपी निकलवाकर अपने पास रखे लें और एप्लीकशन जमा करने के बाद आप जन सुचना अधिकारी से इसकी Receiving लें ले। क्योंकि यदि कोई Officer आपको सूचना देने से मना करता है या किसी भी तरह के तथ्य को छुपाने की कोशिश करता है, तो आप उसके खिलाफ शिकायत कर सकते है ।
- आवेदन पत्र में अपना पूरा नाम और पता लिखें, साथ ही अपना साइन भी करें और इसके बाद registered पोस्ट के जरिये इसे सम्बंधित कार्यालय में भेज दें।
- अब अगर 30 दिनों के अंदर कोई जवाब नहीं मिलता है तो फिर आप अपील अधिकारी के साथ अपील दायर कर सकते हैं।
RTI आवेदन फॉर्म हिंदी में:
सेवा में,
सीपीआईओ/पीआईओ (जनसूचना अधिकारी)
विभाग का नाम-------------------------------
विभाग का पता-------------------------------
पिन कोड-------------------------------------
विषय: सूचना का अधिकार क़ानून -2005 के अंतर्गत सूचना प्राप्ति के लिए आवेदन
महोदय / महोदया,
सूचना का अधिकार क़ानून -2005 के अंतर्गत नीचे लिखे प्रश्नों का लिखित उतर देने की कृपा करें.
प्रश्न-1. ---------------------------------------------------------------
प्रश्न-2---------------------------------------------------------------
प्रश्न-3---------------------------------------------------------------
प्रश्न-4---------------------------------------------------------------
प्रश्न-5---------------------------------------------------------------
इत्यादि.
मेरे द्वारा मांगी गई जानकारी के लिए शुल्क के रूप में पोस्टल ऑर्डर/ बॅंक ड्राफ्ट का नंबर………. जारी करने की तारीख………राशि…………. संलग्न है।
OR
मैं ग़रीबी रेखा के अंतर्गत आता हूँ । इसलिए मुझे सूचना का अधिकार लेने के लिए कोई शुल्क नही देना है। इसके लिए अपने गरीबी रेखा का सत्यापित दस्तावेज़ साथ संलग्न कर रहा हूँ। (Note-दोनों में से जो लागू नहीं उसको न लिखें)
भवदीय:
--------------
(हस्ताक्षर करें)
फिर अपना पूरा नाम और पता लिखें
------------------------------------Pin Code-------------------------Mobile No --------------------
Date ----------
RTI के आवश्यक नियम:
- आप किसी भी पब्लिक अथॉरिटी से जानकारी हासिल कर सकते हैं और इसमें सभी केंद्रीय राज्य और स्थानीय संस्थाएं आते हैं जिनकी स्थापना संविधान के अंतर्गत हुई है।
- आवेदक को आवेदन के साथ-साथ शुल्क भी भेजना होता है किसी भी व्यक्ति के लिए यह रकम 10 रूपए की होती है और बीपीएल कार्ड धारकों के लिए यह रकम माफ कर दी गई है।
- अलग अलग राज्यों के आधार पर यह शुल्क 8 से 100 रूपए तक का होता है।
- आरटीआई के अंतर्गत आवेदन करने के बाद 30 दिन के अंदर अंदर परिणाम मिल जाता है और यदि महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट हो तो इसका परिणाम 48 घंटे में भी प्राप्त किया जा सकता है।
- सरकारी विभाग का पता बिलकुल सही लिखना आप हमेशा ये याद रखें की आप किस विभाग से जानकारी निकलना चाहते हैं, आप जिस जानकारी को मांग रहे हैं अगर उससे एक से ज्यादा विभाग जुड़े हैं तो आपको ये निर्णय लेना है की कौन सा विभाग उससे ज्यादा नज़दीकी से जुड़ा हुआ है। इसका यही मतलब है की आपको जिस भी विभाग से जानकारी चाहिए उसका पता आपको सही होना चाहिए।
RTI का उपयोग कब करें?
- वैसे तो बहुत से अवसर हैं, जब आप सुचना का अधिकार अधिनियम का प्रयोग कर सकते हैं। यहाँ हम मुख्य रूप से वैसे परिस्थितियों के बारे में बात करेंगे जब सूचना का अधिकार का इस्तेमाल करते हैं।
- सरकारी विभाग द्वारा निर्धारित काम न करना, अगर आप के क्षेत्र में किसी रोड की मरम्मत का काम आया हुआ है और उसके लिए बजट भी संस्थान को मिल चूका है परन्तु काम नहीं हुआ, या बिजली से जुड़े किसी काम, सरकारी राशन के आने पर भी अगर सेवाओं को आम जनता के लिए नहीं दिया जा रहा है।
- तो ऐसे में कोई भी व्यक्ति उस सरकारी संस्थान से उसके डॉक्यूमेंट को मांग सकता है और उसकी मदद से उस संस्थान द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार को सबके सामने लाया जा सकता है और इसकी कार्रवाई भी की जा सकती है।
- सरकारी विभाग द्वारा किसी काम में देरी करना, सूचना का अधिकार अधिनियम के इस्तेमाल करने का ये बहुत बड़ा कारण है। क्यूंकि सरकारी सेवाएं सरकार से पास तो हो जाती हैं लेकिन आम जनता को उन सेवाओं का लाभ बहुत देरी से मिलता है या फिर मिलता ही नहीं है। लेकिन जब सेवाएं बहुत देर से आती हैं तो इसका मुख्य कारण उस संस्थान से जुड़े कर्मचारी ही होते हैं।
- किसी सरकारी कार्यक्रम में होने वाले खर्चे की जानकारी, इस अधिनियम का प्रयोग कर के आप किसी भी सरकारी आयोजन में हुए सभी खर्चों की लिस्ट मांग सकते हैं। पैसों का इस्तेमाल कितना और कहाँ-कहाँ हुआ है, ये भी जान सकते हैं।
- इसके अलावा इस कानून का इस्तेमाल कर के सरकारी ब्यौरा भी मांग सकते हैं।
RTI अधिनियम में महत्वपूर्ण धाराएँ:
- धारा 6 (1): RTI का आवेदन फॉर्म का format
- धारा 6 (3): अगर आपका आवेदन गलत विभाग में चला गया है, तो वह विभाग इस धारा के अंतर्गत सही विभाग मे 5 दिन के अंदर भेज देगा।
- धारा 7(5): इस धारा के अनुसार BPL कार्ड वालों को कोई RTI शुल्क नही देना होता है।
- धारा 7 (6): इस धारा के अनुसार अगर RTI का जवाब 30 दिन में नहीं आता है तो सूचना निशुल्क में दी जाएगी।
- धारा 18: अगर कोई अधिकारी जवाब नही देता है, तो उसकी शिकायत सूचना अधिकारी को दी जाएगी।
- धारा 8: इस के अनुसार वो सूचना RTI में नहीं दी जाएगी जो देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा हो या विभाग की आंतरिक जांच को प्रभावित करती हो।
- धारा 19 (1): अगर आप की RTI का जवाब 30 दिन में नहीं आता है। तो इस धारा के अनुसार आप प्रथम अपील अधिकारी को प्रथम अपील कर सकते हो।
- धारा 19 (3): अगर आपकी प्रथम अपील का भी जवाब नही आता है तो आप इस धारा की मदद से 90 दिन के अंदर दूसरी अपील अधिकारी को कर सकते हैं।
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