क्या भारत में लड़की को प्रपोज करना गुनाह है?
विषय-सूचि:
- प्रस्तावना
- धारा 354-D किसी महिला का पीछा करना
- धारा 354-D के अंतर्गत कब पीछा करना अपराध नहीं है
- क्या किसी लड़की को फसेबूक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट सेंड करना कोई अपराध है?
- केस: संतोष कुमार सिंह बनाम स्टेट थ्रू सीबीआई 2010
- केस: अरविंद कुमार गुप्ता बनाम राज्य 2018
- निष्कर्ष
प्रस्तावना
किसी लड़की को प्रोपोज़ करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। भारतीय दंड संहिता 1860 में सीधे तौर पर इससे सम्बंधित कोई भी प्रावधान नहीं है। लेकिन उस लड़की के मना करने के बाद भी अगर कोई लड़का किसी लड़की को बार-बार प्रोपोज़ करता है तो वो भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। अगर लड़का किसी लड़की को गलत इरादे से बार-बार प्रोपोज़ करता है या उसके प्रोपोज़ करने के बाद वो लड़की डिप्रेशन में आ जाती है या अन्य कोई परेशानी होती है तो लड़का भारतीय दंड संहिता ही धारा 354-D के तहत दोषी पाया जाता है।
जब Lord Macaulay के द्वारा भारतीय दंड संहिता 1860 बनाई गई थी तब धारा 354-D नहीं थी। यह धारा 2012 दिसंबर निर्भया केस बाद जोड़ी गई है। इस निर्भया केस के बाद जस्टिस वर्मा की 3 सदस्यों की समिति ने 29 दिन में 631 पेज की रिपोर्ट तैयार की। जिसे 22 जनवरी 2013 में सरकार को सौंपी गई। इस रिपोर्ट में महिलाओ के साथ छेड़छाड़ और रपे से सम्बंधित प्रावधानों पर कड़ी सजा का प्रवधान करने की सिफारिश की गई थी। छेड़छाड़ से संबंधित कई अपराध को गैरजमानती बनाया गया।
पहले छेड़छाड़ के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा-354 के तहत केस दर्ज किए जाते थे। धारा के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर 2 साल तक कैद की सजा का प्रावधान था। साथ ही यह मामला जमानती था। जस्टिस वर्मा की समिति के बाद धारा 354 को 4 भागो में बाँट दिया गया और छेड़छाड़ से सम्बंधित प्रावधानों को जोड़ा गया। कानूनी बदलाव के बाद धारा-354 के तहत दोषी करार दिए जाने पर 5 साल तक की कैद की सजा का प्रावधान किया गया। इसमें कम से कम एक साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया। इसके साथ ही छेड़छाड़ के अपराध को गैरजमानती बनाया गया है। धारा-354 A, 354 B, 354 C और 354 D का प्रावधान किया गया है।
धारा 354-D किसी महिला का पीछा करना:
- कोई भी पुरुष, जो किसी महिला या लड़की का उसकी मर्जी के खिलाफ कोई पुरुष बार बार पीछा करता है या फिर उससे संपर्क साधने की किसी भी तरह से कोशिश करता है, उस स्त्री द्वारा स्पष्ट रूप से मना किए जाने के बावजूद भी, तो उस पुरुष को इस धारा के तहत दंड दिया जाता है। या
- जो कोई किसी पुरुष किसी महिला को इंटरनेट, ई-मेल या किसी अन्य इलैक्ट्रानिक माध्यम का प्रयोग करके उसका पीछा करता है तो इस धारा के अंतर्गत एक दंडनीय अपराध होगा।
- यदि कोई पुरुष पीछा करने का अपराध का पाया जाता है तो उसे तीन वर्ष तक का कारावास और साथ ही जुर्माने से भी दंड किया जायेगा। और दूसरी बार दोषसिद्धि पर पांच वर्ष के कारावास और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
धारा 354-D के अंतर्गत कब पीछा करना अपराध नहीं है:
- यदि वह पुरुष राज्य द्वारा किसी अपराध के निवारण और पता लगाने के लिए किसी महिला का पीछा करता है तो वह अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। ऐसा कार्य किसी विधि के अधीन या किसी विधि के अधीन किसी व्यक्ति द्वारा अधिरोपित किसी शर्त या अपेक्षा का पालन करने के लिए किया गया हो।
- विशिष्ट परिस्थितियों में ऐसा आचरण युक्तियुक्त और न्यायोचित होना चाहिए। यदि कोई लड़का किसी लड़की को प्रोपोज़ करता है तो वो कोई अपराध नहीं है।
- परन्तु उस लड़की के मना करने के बाद भी वह लड़का बार बार किसी लड़की को प्रोपोज़ करता है और उसका गलत इरादे से पीछा करता है तो वह धारा 354-D के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।
क्या किसी लड़की को फसेबूक पर Friend Request Send करना कोई अपराध है?
- साधारणतः किसी लड़की फसेबूक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट सेंड करना कोई अपराध नहीं है। परन्तु किसी लड़की को बार बार फसेबूक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट सेंड करना और और उस लड़की के द्वारा रिक्वेस्ट को डिलीट करने के बाद फिरसे फसेबूक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना और लड़की को परेशान करना धारा-354-D की उपधारा 1(ii) के अंतर्गत अपराध है।
- धारा-354-D की उपधारा 1(ii) के तहत कोई पुरुष किसी महिला के मना करने के बाद उसे व्हाट्सप्प पर बार बार कॉल करके परेशान करना या ईमेल के माध्यम से बार बार ईमेल करके परेशान करता है तो वो भी इस धारा-354-D के अंतर्गत एक अपराध होता है।
- धारा-354-D की उपधारा 1(ii) के अंतर्गत अपराध अजमानतीय होता है।
- धारा-354-D के अंतर्गत पुरुष महिला से समझौता नहीं कर सकता है।
केस: संतोष कुमार सिंह बनाम स्टेट थ्रू सीबीआई 2010
- यह केस इस धारा 354-D के पहले का है। इस केस में एक 25 वर्षीय कानून की छात्रा प्रियदर्शिनी मट्टू का संतोष द्वारा पीछा किया गया था जो नई दिल्ली की रहने वाली थी। उस छात्रा के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।
- इस छात्रा का कई बार पीछा किया गया था और एक पूर्व आईपीएस अधिकारी के बेटे श्री संतोष सिंह द्वारा परेशान किया गया था। संतोष के खिलाफ पीछा करने, परेशान करने के लिए धारा 354 के तहत FIR दर्ज की गई थी।
- उस वक्त ये धारा जमानतीय था तो अपराधी को एक बार गिरफ्तार कर जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
केस: अरविंद कुमार गुप्ता बनाम राज्य 2018
- अपराधी अरविन्द कुमार एक महिला के पीछे रोज उसके कार्यालय तक जाता और जब वह काम से लोटती तो उसके बगल में खड़ा हो जाता। यह एक साल तक जारी रहा। महिला ने एक FIR दर्ज करवाई।
- अदालत द्वारा यह निर्णय लिया गया कि धारा 354-D (1)(i) के तहत अरविंद कुमार महिला का पीछा करने का दोषी है, वह बिना किसी संदेह के महिला के असहमति व्यक्त करने के बाद भी उससे बातचीत करना चाहता था।
निष्कर्ष
भारतीय दंड संहिता ने महिलाओं के लिए धारा-354 के प्रावधानों में संशोधन करके महिलाओ की रूपरेखा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। किसी महिला का पीछा करने के अधिकांश मामलों पर किसी का ध्यान नहीं जाता है क्योंकि महिलाएं घूमने-फिरने की स्वतंत्रता को जोखिम में नहीं डालना चाहती हैं और कई बार प्रत्यक्षदर्शी भी इसे अनदेखा कर देते हैं। इन कारणों की वजह से अपराध को गंभीरता से नहीं लिया जाता है। भले ही 2012 के निर्भया केस के बाद इसे दंडित करने का प्रावधान हो गया हो परन्तु फिरभी महिलाये सामने आकर केस दर्ज नहीं करवारी है। पीछा किए जाने की स्थितियों में अपराध की रिपोर्ट करने के लिए धारा 354-D के बारे में जागरूकता और शिक्षा के साथ, एक FIR दर्ज करें और सही अधिकारियों से संपर्क करके, महिलाओ की स्थिति में एक बदलाव लाया जा सकता है।
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